Darshanas Corner

Tuesday, March 17, 2009

आखिर मेरी क्या गलती थी?

आखिर मेरी क्या गलती थी?
मैंने तो बटवारा नहीं किया
मैंने तो सबको अपना भाई समझा
आखिर मेरी क्या गलती थी?

ट्रेन में ब्लास्ट हुआ, मैंने जाके मदद की
बाढ़ भी आई, में डटकर खडा रहा
आखिर मेरी क्या गलती थी?

अपने परिवार का सहारा में
घडी की टिक पर चलता रहा
आखिर मेरी क्या गलती थी?

तुम्हारी गोलियों ने छन्नी कर दिया
मुझे तो पता ही नहीं मुझे क्या हुआ
दर्द से कर्रता पड़ा रहा में लहुलोहन
और तुम गोलियों की वर्षा करते रहे
मुझे बस एक बार बता दो
आखिर मेरी क्या गलती थी?

0 Comments:

Post a Comment

<< Home